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हेमवती नंदन बहुगुणा विवि के दीक्षांत समारोह में 2418 छात्रों को उपाधियां, 57 को पदक

हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विवि के सातवें दीक्षांत समारोह में संबद्ध कॉलेजों के 2418 छात्रों को उपाधियां प्रदान की गईं। मुख्य अतिथि राज्यपाल ले. जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह ने उत्कृष्ट प्रदर्शन पर 57 छात्रों को पदक प्रदान किए।

 

दून मेडिकल कॉलेज की दो छात्राओं सहित चार को प्रो. एमसी पंत सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राज्यपाल ले. जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह ने कहा कि 57 पदक विजेताओं में 50 छात्राएं हैं, यह दर्शाता है कि प्रदेश में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा परिवर्तन है, जो नारी सशक्तीकरण का उदाहरण पेश करता है। चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ाई पूर्ण कर छात्र केवल एक डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ या स्वास्थ्य विशेषज्ञ ही नहीं, बल्कि समाज के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में जिम्मेदारी निभाते हैं।

 

यह पेशा आजीविका का साधन मात्र नहीं है, यह लोगों के दुखों को कम करने की पवित्र जिम्मेदारी प्रदान करता है। कहा कि दुनिया आज विभिन्न स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे समय में समर्पित और कुशल स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। राज्य सरकार भी चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में सीटों में वृद्धि और नए मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की दिशा में कार्य कर रही है।

विवि के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने आज का दिन स्नातक छात्रों की कड़ी मेहनत और दृढ़ता के जश्न का दिन है। एम्स ऋषिकेश की निदेशक एवं सीईओ प्रो. मीनू सिंह ने भी विचार रखे। समारोह में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज की छात्रा डॉ. मनस्वी और डॉ. सुप्रिया, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की डॉ. ऋतु अधिकारी और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की डॉ आकांशा बनकोटी को प्रो. एमसी पंत सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र अवार्ड से नवाजा गया।

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छात्रों का व्यवहारिक ज्ञान में दक्ष होना जरूरी : स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही व्यवहारिक ज्ञान में भी दक्ष होना बेहद जरूरी है। युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध हो, इसके लिए सरकार विवि को मानवीय और तकनीकी संसाधन उपलब्ध करा रही है। अगले डेढ़-दो वर्षों में पिथौरागढ़ और रुद्रपुर में भी मेडिकल कॉलेज बन जाएंगे।

एमबीबीएस में 503, बीएससी नर्सिंग में 851, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग में 321, बीएससी एमएलटी में 247, बीएमआरआईटी में 163, एमएससी नर्सिंग में 108, बीएससी ऑप्टोमेट्री में 34, बीएससी ओटीटी में 50, एमटीपी में 48, बीएससी मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी में 10, पीएचडी में तीन, एमएससी एमएलटी में दो, बीपीटी में 54, डीएमएलटी में 11, एनपीसीसी में आठ, डीडीटी में दो, डीओपीटी में तीन छात्रों को उपाधि दी गई।

इन्हें मिला स्वर्ण पदक
जेसिका अरोड़ा, ममता मेहरा, मनोरमा शर्मा, भावना जोशी, रागिनी, जागृति राय, ऊशी, अनीश कुमार सिंह, अक्षिता पंवार, प्रियंका राणा, शिक्षा जोशी, मोहम्मद दिलदार, आरती, गुरप्रीत कौर, ममता भंडारी, अशोक, अंकिता देवरानी, शीतल कुमारी।

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