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बिजली दरों की बढ़ोतरी पर आयोग की आपत्ति, यूपीसीएल से मांगी गई बारीक जानकारी

राज्य में बिजली दरों की बढ़ोतरी के नए प्रस्ताव के कई बिंदुओं पर नियामक आयोग ने यूपीसीएल से जवाब मांगा है। इसके लिए यूपीसीएल को छह जनवरी तक का समय दिया गया है। दरअसल, यूपीसीएल ने 26 दिसंबर को नियामक आयोग में विद्युत दरों में बढ़ोतरी की पिटीशन भेजी थी।

इसका अध्ययन करने के बाद आयोग के अधिकारियों ने यूपीसीएल ने कई बिंदुओं पर आपत्ति जताई है। दरों में बढ़ोतरी के लिए जो कारक बताए गए हैं, उनका आधार भी पूछा गया है। आयोग के एक आला अधिकारी ने बताया, बिंदुवार जानकारी के लिए यूपीसीएल को पत्र भेजा जा चुका है।

  • यूपीसीएल को बिजली दरों की बढ़ोतरी पर आयोग से जवाब देने का मिला समय, 6 जनवरी तक करना होगा जवाब

  • बिजली दरों की बढ़ोतरी पर आयोग की आपत्ति, यूपीसीएल से मांगी गई बारीक जानकारी

  • नई बिजली दरें एक अप्रैल से लागू, यूपीसीएल को आयोग ने 6 जनवरी तक दिया जवाब देने का समय

  • यूपीसीएल से बिजली दरों पर आयोग ने पूछे कई सवाल, 6 जनवरी तक भेजेगा जवाब

  • बिजली दरों में बढ़ोतरी पर यूपीसीएल से आयोग ने मांगी विस्तार से जानकारी, 6 जनवरी तक मिलेगा जवाब

  • यूपीसीएल को आयोग ने बिजली दरों की बढ़ोतरी पर 6 जनवरी तक मांगा जवाब, पुराने हिसाब का नहीं हुआ जिक्र

  • यूपीसीएल की पिटीशन पर आयोग का सवाल-जवाब, 6 जनवरी तक मिलेगा जवाब, बढ़ोतरी पर अंतिम फैसला बाद में

  • नए बिजली दरों की बढ़ोतरी पर आयोग की जांच, यूपीसीएल को 6 जनवरी तक जवाब देने का निर्देश

  • यूपीसीएल से आयोग ने मांगी बारीकी से जानकारी, बिजली दरों की बढ़ोतरी पर फैसला अब 6 जनवरी बाद

  • बिजली दरों में बढ़ोतरी पर आयोग की आपत्ति, यूपीसीएल से सवाल किए गए, 6 जनवरी तक जवाब जरूरी

एक अप्रैल से लागू होनी है नई बिजली दरें
यूपीसीएल को छह जनवरी तक अपना जवाब देना है। इसमें ये भी बताना होगा कि पुराने वित्तीय वर्ष की वसूली के लिए 12 प्रतिशत को अलग-अलग मदों में रखा गया है, जिस पर प्रमाण और तथ्यों के साथ जानकारी देने की जरूरत है।

यूपीसीएल का जवाब आने के बाद आयोग इस पिटीशन को दायर करेगा। इसकी जनसुनवाई की जाएगी। इसके बाद ही आयोग दरों पर निर्णय लेगा। नई बिजली दरें एक अप्रैल से लागू होनी हैं।

पुराना हिसाब अभी शामिल नहीं

यूपीसीएल के प्रस्ताव में यूपी से बंटवारे से संबंधित पुराना 4,300 करोड़ रुपये का हिसाब शामिल नहीं है। अभी तक सरकार इस पर निर्णय नहीं ले पाई है। लिहाजा, बढ़ोतरी का ये प्रस्ताव बिना उस वसूली के है।

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