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संसदीय कार्यमंत्री के बयान पर विवाद, मंत्री ने प्रकट किया खेद

बजट सत्र के पांचवें दिन शनिवार को सदन में अमर्यादित शब्द बोलने पर पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। बदरीनाथ क्षेत्र से कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने तैश में आकर कागज फाड़ कर पहाड़ियों के लिए अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का विरोध किया। उधर, संसदीय कार्य मंत्री ने लोगों की भावनाएं आहत होने पर खेद व्यक्त किया।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में अमर्यादित व असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे पर्वतीय क्षेत्र के लोगों की भावनाएं आहत हुईं हैं। विपक्ष ने इस पर ठोस कार्रवाई करने की मांग उठाई। बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र के विधायक लखपत बुटोला ने कहा कि सदन में सरकार पहाड़ की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। अमर्यादित टिप्पणी कर पहाड़ की अस्मिता को ठेस पहुंचाई जा रही है। जिससे उन्हें सदन में रहने का अधिकार नहीं है। इस दौरान उन्होंने कार्यसूची को फाड़ कर वेल में फेंका और सदन से बाहर जाने लगे। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बुटोला को रोक कर सीट पर बैठने को कहा। इस वह मान गए।

विधायक प्रीतम सिंह ने कहा, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सत्र की अवधि बढ़ाने की विपक्ष के विधायक मांग कर रहे थे। लेकिन सदन से बाहर संसदीय मंत्री ने विधायक पर शराब पीने का आरोप लगाया। जिससे यह मामला तूल पकड़ा है। निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने कहा कि सदन में अमर्यादित भाषा व पहाड़-मैदान की बात करने पर माफी मांगनी चाहिए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, मेरी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। इसे सदन में स्पष्ट कर चुका हूं। हम सब उत्तराखंडी हैं। मेरा जन्म भी उत्तराखंड में हुआ है। जिऊंगा और मरुंगा भी यहीं।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने पक्ष व विपक्ष के पहाड़ व तराई की बात करने पर तल्ख तेवर दिखाए। उन्होंने कहा, सदन राजनीति करने का अड्डा नहीं है। गत दिवस सदन में इसी मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के बीच हुई बातचीत को कार्यवाही से हटाया गया है। छोटी मानसिकता से सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है। पहाड़-तराई की बात कर उत्तराखंड को गलत परंपरा पर आगे बढ़ा रहे हैं। सदन से ऐसा संदेश न जाए जो जनभावनाओं को बांटता हो। कहा- अगर संसदीय कार्य मंत्री प्रदेश की जनता से माफी मांग लेंगे तो जनता उन्हें माफ कर देगी।
वित्त मंत्री ने अपने बयान के लिए प्रकट किया खेद
बीते रोज सदन के भीतर दिए गए बयान पर वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने खेद प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में रह रहे सभी लोग उनके परिवार हैं। परिवार के लोगों के समक्ष अनजाने में कही गई बात के लिए खेद प्रकट करने में उन्हें संकोच नहीं है। सदन के भीतर उनके द्वारा कही गई बात को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है। मैंने कहा था कि सारे उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों के लोग रहते हैं। हम सभी उत्तराखंड के हैं और उत्तराखंड हमारा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमारे हृदय में समाया है। मैंने सारे उत्तराखंड की बात की थी। मेरे बयान में सारे शब्द को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है। मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंची है उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं।

मुझे जैसे ही कल जानकारी मिली कि सदन में इस तरह की बात हुई है। इस पर मैंने संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से अपनी बात सदन में स्पष्ट करने को कहा था। इस पर उन्होंने सदन में अपनी बात को स्पष्ट किया है। -पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

जनता ने हमें इसलिए भेजा पहाड़ का अपमान न हो
सदन में पहाड़ के लोगों पर जो अमर्यादित टिप्पणी की गईं, उससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। जनता ने विधायकों को इसलिए चुनकर भेजा कि सदन में पहाड़ की आवाज को उठा सके। लेकिन सदन में सरकार के मंत्री पहाड़ का अपमान कर रहे हैं। पहाड़ से मैं अकेला विधायक हूं, जिसने इसका विरोध किया।
-लखपत बुटोला, विधायक बदरीनाथ

संसदीय कार्यमंत्री का विधानसभा के अंदर अहम पद है। इस पद पर संयम से रहना चाहिए। किसी भी सदस्य को अपना आपा नहीं खोना चाहिए। हम सब उत्तराखंडी है और सबका बराबर का अधिकार है।
-भुवन कापड़ी, कांग्रेस विधायक

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