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Chardham Yatra: पिछले साल से करीब दोगुने हुए यात्रा मार्ग पर भूस्खलन जोन

चारधाम यात्रा मार्ग पर दुश्वारियां इस बार भी कम नहीं होंगी। पिछले साल से इस साल मार्ग पर भूस्खलन जोन की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। पिछले साल कुल 35 क्षेत्र ऐसे थे जहां पर भूस्खलन का खतरा था, लेकिन इस बार इनकी संख्या 66 हो गई है।

हालांकि, पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने इन जगहों पर चेतावनी बोर्ड लगाए हैं। साथ ही पुलिस इन स्थानों पर अपने स्तर से भी यात्रियों की मदद करने के लिए तैयार है। जिन जगहों पर वैकल्पिक मार्ग नहीं हैं, वहां पर संबंधित संस्था की जेसीबी और बीआरओ की टीम मौजूद रहेगी। ताकि, यात्रियों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।

यात्रा मार्ग पर भूस्खलन जोन का भी कराया गया सर्वे

पुलिस ने अपनी ओर से यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके चलते विभिन्न अधिकारियों को अब व्यवस्थाओं को परखने की जिम्मेदारी भी दे दी गई है। साथ ही विभिन्न स्थानों पर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात करने संबंधी आदेश भी पुलिस मुख्यालय ने जारी कर दिए हैं।

इसी बीच पुलिस ने यात्रा मार्ग पर भूस्खलन जोन का सर्वे भी कराया है। इनमें 28 क्षेत्र ऐसे हैं जहां से वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में वहां पर पुलिस को तैनात करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही सड़क निर्माण का काम करने वाली संस्थाओं के बुलडोजर आदि को भी खड़ा किया गया है। ताकि, जल्द से जल्द मलबा हटाकर यात्रा को सुचारू कराया जा सके।

किस जिले में कितने हैं भूस्खलन स्थल

उत्तरकाशी       09

टिहरी                 20

चमोली                18

रुद्रप्रयाग              14

पौड़ी                03

देहरादून             02

49 ब्लैक स्पॉट हैं मार्ग पर, किया गया सुधारीकरण

यात्रा मार्ग पर विभिन्न जिलों में कुल 49 ब्लैक स्पॉट हैं। यहां पर बीते सालों में घातक दुर्घटनाएं हुई हैं। इन सभी जगहों पर पुलिस और संबंधित विभागों की ओर से सुधारीकरण का काम किया गया है। कई स्थान ऐसे हैं जहां पर अब मार्ग चौड़ा हो गया है। इन जगहों पर इसके बाद कोई दुर्घटना नहीं हुई है। जबकि, बहुत सी जगहों पर हाल ही में क्रैश बैरियर लगा दिए गए हैं। ताकि, संभावित दुर्घटनाओं को होने से रोका जा सके। इनमें सबसे अधिक ब्लैक स्पॉट हरिद्वार जिले में हैं। ज्यादातर हाईवे पर ही मौजूद हैं। हालांकि, कई जगहों पर ट्रैफिक लाइट लगाकर यातायात को नियंत्रित किया जा रहा है। ताकि, यहां वाहनों की गति को कम रखकर दुर्घटना से बचाया जा सके।

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