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धराली आपदा: रडार, ड्रोन से हिमनद झील का आकलन, मौसम विभाग का भारी बारिश का अलर्ट

रडार, ड्रोन व अन्य साधनों से किया टीम ने निरीक्षण

एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और निम संस्थान के अधिकारियों को शामिल करते हुए एक एमआरटी का गठन किया गया था। यह टीम मंगलवार को मौसम साफ होते ही हिमगंगा के उद्गम स्थल पर हिमनद झील के आकलन के लिए पहुंची थी। टीम ने वहां पर रडार, ड्रोन व अन्य साधनों से निरीक्षण किया है। इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इससे पहले भी एसडीआरएफ ने हिमगंगा की धारा का ड्रोन से सर्वे किया था। इसकी रिपोर्ट भी विभिन्न संस्थानों के साथ साझा की गई है।

खीरगंगा के उद्गम स्थल पर हिमनद झील का एमआरटी ने किया आकलन

खीरगंगा के उद्गम स्थल में हिमनद झील का मंगलवार को माउंटेन रेस्क्यू टीम (एमआरटी) ने आकलन किया है। टीम में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और निम संस्थान के अधिकारी शामिल थे। यह टीम संयुक्त निरीक्षण के बाद धराली लौट आई है। टीम अपनी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेगी।

भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान, बाढ़ का खतरा

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले पांच दिनों में प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रदेश सरकार भी चौकन्नी हो गई है। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी जिलाधिकारियों को जारी एडवाइजरी में उन्हें हर स्तर पर तत्परता और सुरक्षा बनाने को कहा गया है। मौसम विभाग ने मंगलवार को देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई है। इन सभी जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है। बुधवार को राज्य के बागेश्वर, देहरादून, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधम सिंह नगर जिलों में अत्यधिक वर्षा होने की संभावना के लिए रेड अलर्ट जारी हुआ है। 14 अगस्त को भी बागेश्वर, देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में अत्यधिक बारिश होने की संभावना है। 15 अगस्त को भी मानसून के ऐसे ही तल्ख तेवर बरकरार रहने का अनुमान है। इस दिन देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। 16 अगस्त को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर व चंपावत जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

चिनूक से धराली पहुंचाई जा रही राहत सामग्री

चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर से आपदा प्रभावित धराली गांव के लिए सामान पहुंचाया जा रहा है।

खोजबीन और बचाव कार्य जारी

आईजी एसडीआरएफ की अध्यक्षता में खोजबीन और बचाव कार्य जारी रहा। खीरगंगा का जल स्तर बढ़ने से टीमों के आवागमन के लिए पुलिया बनाई गई थी, वह बह गई थी, उसे दोबारा बनाया गया है। इसके अलावा गड्ढे खोज के लिए बनाए गए थे उनमें भरे पानी को खाली करने के साथ एसएआर ऑपरेशन शुरू किया गया। बता दें कि आपदा में घायल हुए दो लोग सेना अस्पताल व एक जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी और एक एम्स ऋषिकेश में भर्ती है।

ख्रराब मौसम, हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू नहीं

खराब मौसम के कारण उत्तरकाशी के मातली हेलीपैड से आपदा प्रभावित क्षेत्रों धराली और हर्षिल तक हेलिकॉप्टरों से रेस्क्यू रोक दिया गया है।

धराली-मुखबा झूला ब्रिज के बेस को मजबूत करने का काम करेगा लोनिवि

धराली-मुखबा का मुख्य झूला पुल की बुनियाद को मजबूत करने का काम लोक निर्माण विभाग करेगा। आर्मी इंजीनियर, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम ने झूला पुल का निरीक्षण भी किया है। इसमें पुल की तत्काल मरम्मत की जरूरत बताई गई है। वर्तमान में सुरक्षित रहते हुए एक-एक कर पार करने की सलाह दी गई है। वहीं, दबराणी से सोनगाड़ तक हर्षिल से धराली तक दो दिनों में बाधित मार्ग को लोनिवि के जरिये सुचारु करने का दावा किया है।

झील से पानी की निकासी का काम शुरू

भागीरथी में बनी झील से पानी निकासी के लिए सिंचाई विभाग ने नौ एई, जेई के साथ श्रमिकों की टीम भेजी है। यूजेवीएनएल की टीम भी पहुंची हुई है। मंगलवार को टीमों ने झील में चैनेलाइजेशन करने और फंसी हुई लकड़ी को काटकर हटाने का काम शुरू कर दिया है। सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष सुभाष कुमार ने बताया कि टीम मैन्युअली काम कर रही है लेकिन चुनौती बड़ी है। प्रयास है कि जो झील का मुहाना है उसे चौड़ा कर दिया जाए, जिससे की पानी की निकासी बढ़ सके। टीमों की सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ दो बोट के साथ हर्षिल झील में काम करने के लिए पहुंच गई है।

उत्तरकाशी जिले के धराली आपदा में प्रशासन ने 68 लोगों के लापता होने की पुष्टि कर दी है। इसमें नेपाल मूल के 25 मजदूर भी शामिल हैं। आपदा के आठवें दिन मंगलवार को बचाव व राहत कार्य जारी रहा। लेकिन संचार सेवा बाधित होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों का एक-दूसरे से संपर्क नहीं हो पाया।

खीर गंगा का जल स्तर बढ़ने से बचाव व राहत कार्यों में लगीं टीमों के आवागमन के लिए बनाई गई संपर्क पुलिया बह गई। जिससे कुछ समय के लिए आवाजाही बाधित रही। इसके अलावा लापता लोगों की जीपीआर प्रणाली से खोजबीन के लिए बनाए गए गड्ढों में पानी भर गया। देहरादून से विशेषज्ञों की टीम भी आपदा क्षेत्र में अध्ययन के लिए नहीं जा सकी। इसके अलावा हर्षिल में भागीरथी में बनी झील भी चुनौती बनी हुई है, इससे पानी निकासी के लिए सिंचाई विभाग, यूजेवीएनएल ने मैन्युअली काम शुरू किया है, पर यह आसान नहीं लग रहा है।

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