विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान केदारनाथ धाम में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की धूम रही. ऊंचे हिमालय की गोद में स्थित इस दिव्य धाम की आध्यात्मिक ऊर्जा के बीच जब योग की विभिन्न क्रियाएं संपन्न हुईं, तो वातावरण पूरी तरह योगमय हो उठा. इसके साथ ही आईटीबीपी के जवानों ने बॉर्डर पर योग किया.
आयुष विभाग के तत्वावधान में आयोजित योग सत्र में बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहितों, गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस, बदरी-केदार मंदिर समिति के अधिकारी एवं कर्मचारियों, साथ ही देश-विदेश से आए श्रद्धालु तीर्थयात्रियों ने सहभागिता की. कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी बागेश लिंग द्वारा किया गया. उन्होंने स्वयं भी योग क्रियाओं में भाग लेकर आस्था और स्वास्थ्य का संदेश दिया. उद्घाटन संबोधन में उन्होंने कहा कि योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम नहीं, बल्कि यह आत्मा और परमात्मा को जोड़ने की साधना है, विशेषकर इस पावन धाम में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है.
योग कार्यक्रम का संचालन योग अनुदेशक सर्वेश तिवारी एवं योग अनुदेशक अरविंद शुक्ला द्वारा किया गया. उन्होंने उपस्थित जनसमूह को ताड़ासन, भुजंगासन, वृक्षासन, वज्रासन, अनुलोम-विलोम एवं प्राणायाम जैसी विविध यौगिक क्रियाओं का अभ्यास कराया. प्रशिक्षकों ने प्रत्येक आसन के लाभों को सरल भाषा में समझाते हुए प्रतिभागियों को योग की मूल भावना से जोड़ा गया. इस भव्य आयोजन में केदारनाथ धाम के पवित्र वातावरण में जब लोगों ने एक साथ योग किया, तो वह दृश्य अध्यात्म और स्वास्थ्य के संगम का जीवंत उदाहरण बन गया. वहीं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जनपद में कई स्थानों पर योग कार्यक्रम आयोजित किए गए. जिले के विभिन्न विभागों, शैक्षिक संस्थानों, स्वयंसेवी संगठनों एवं समाज के विभिन्न वर्गों से बड़ी संख्या में लोगों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की.
36वीं वाहिनी #ITBP के हिमवीरों ने 14,700 फीट की ऊंचाई पर आदिकैलाश (त्रिशूल क्षेत्र) में स्थानीय जनों व देशभर से आए श्रद्धालुओं के साथ 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। इस मौके पर जवानों का उत्साह देखने लायक था. आदि कैलाश इलाका उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का सीमांत इलाका है. पिथौरागढ़ की सीमा नेपाल और चीन के कब्जे वाले तिब्बत से लगती है.
इसके साथ ही 8वीं वाहिनी #ITBP, गौचर (उत्तराखंड) द्वारा 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वाहिनी मुख्यालय व अग्रिम चौकियों पर उत्साहपूर्वक मनाया गया। योग से स्वास्थ्यवर्धन का संदेश दिया गया। वाहिनी ने भराड़ीसैंण व केदारनाथ कार्यक्रमों में भी भाग लिया। चमोली जिले सामरिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है. इसकी सीमा चीन के कब्जे वाले तिब्बत से लगती है.